Tax चोरी को रोकने के लिए इसको बनाया गया था,
जैसे मान लो मेरे पास 10 कर्मचारी हैं, मैं उसको 1 लाख रुपया का महिना देता हूँ, और यह इसमें house rate allowence, PF, और सब मिला के, तो
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तो मान लीजिये कि इतना करने के बाद उसका 80000 रुपया होता हैं, उसका Net salary,
तो इस 80000 में से मैं 2% tds काट लूँगा और उसको govement के खाते में भेज दूंगा,
मतलब 1600 हज़ार रूपये,
तो अब जब मैं TDS काटूँगा तो उसका पूरा Pan card और भी जो document होते हैं, वो लेने होते हैं,
अब यह आदमी जो कि 80000 इसका net salary हैं, यानी 10 लाख से ऊपर इसका साल में इनकम हैं,
तो यह अब ITD(income tax department) के नज़र में आ जाएगा, मतलब जब यह अपना tds मांगने जाएगा,
अब यह जो मैंने पैसा काटा और सरकार को दे दिया,
तो यह आदमी जब अपना income tax return(ITR) फाइल करेगे, मान लीजिये कि 8 लाख रुपया इसको साल भर आया,
तो 5-10 लाख रुपया जो कमाता हैं, उसको 20% tax देना होता हैं,
तो अब यह आदमी जब अपना Income tax return भरेगा,
मान लीजिये कि 8 laakh का 20% मतलब 16 हज़ार, रुपया तो,
अब चूँकि इसका tds पहले ही, 80000 का 2% काटा गया हैं, मतलब 400*12=4800 रुपया इसके पहले ही काट लिया गया हैं, तो
अब यह जो 16000 income tax दे रहा हैं, इसमें अब बता सकता हैं, कि tds के रूप में, मेरा 4800 पहले ही काट लिया गया, तो यह जो 4800 रुपया हैं, इसको वापस मिल जाएगा, मतलब, 11200 रुपया ही इसको Income tax देना होगा,
तो tds को काटा जाता हैं, tax के चोरी को रोकने के लिए, मतलब यह tds का पैसा उसको बाद में मिल जाएगा, जब वो Income tax return करेगा,
बस |
तो यही हैं, TDS
तो ऐसे इसको पकड़ा जा सकता हैं, यह taxable हैं, मतलब tax चोरी होने से बच जाएगा,
तो इसका मतलब होता हैं, Tax Deducted at Source मतलब जहाँ से पैसा आया, जो पैसा दे रहा हैं, वही से कुछ पैसा काट लो,
मतलब source से,
TDS कटता कैसे हैं, उसका Fourmula क्या हैं ?
ऐसा बताया जाता हैं, जितना उसका Taxable Amount हैं, उसमें 12 से divide कर के, जितना हो रहा हैं, उतना दे दो, बस इतना ही करना हैं |
इसक रूल समझने के लिए एक और विडियो देखना होगा, अच्छे से, तब यह समझ में आएगा |